निश्चित तौर पर सुबह से टेलीविज़न पर आ रही तस्वीरों को देखकर आपका सीना गर्व से फूल गया होगा| जिस खबर की अपेक्षा 125 करोड़ भारतीय 1 मई को कश्मीर में पकिस्तान के BAT टीम द्वारा हमारे 2 सैनिको के साथ हुए बर्बरता के बाद से कर रहा था, आज सेना ने एक विडियो जारी कर के देश का वो इंतज़ार ख़तम कर दिया| आपको याद होगा 9 सितम्बर 2016 को उरी में हुए आतंकवादी हमले के बाद भी भारतीय सेना एक टुकड़ी ने पकिस्तान के अन्दर घुस कर सर्जिकल स्ट्राइक की थी और अब 1 मई के घटना के बाद 9, 20 और 21  मई को पकिस्तान पर हमला करके पकिस्तान को मुह तोड़ जबाब दिया है|

 

पर इन हमलों को केवल मात्र जबाबी कार्यवाही के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए| आपको याद होगा मनमोहन सिंह के सरकार के वक़्त भी पकिस्तान की BAT टीम ने भारत के दो सैनिको के सिर कट कर ले गए थे पर उसके बदले में सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की, केवल DGMO की मीटिंग में रोष दिखाया| इसके बाद सब कुछ भुला कर पकिस्तान के विदेश मंत्री को बिरयानी खिलाई गयी| दरसल यह केवल मनमोहन सिंह का प्रश्न नहीं है| पकिस्तान को लेकर कांग्रेस सरकारों की ढुल-मुल रवैया आजादी के बाद से ही रही है(यदि इंदिरा गाँधी की सरकार को छोड़ दिया जाये तो)| भारत और पकिस्तान के जितने भी युद्ध हुए वो सब बर्दाश्त हद पकिस्तान द्वारा पार करने के बाद ही हुए है और इसी का फायदा उठाकर पकिस्तान पिछले 70 वर्षो से भारत के खिलाफ एक छद्म युद्ध लड़ता आ रहा है| पकिस्तान आज तक इसी निति पर चल रहा कि भारत को यदि छोटे छोटे घाव दिया जाये तो भारत उसका प्रतिकार नहीं करेगा और लहुलुहान भी होता रहेगा|

 

लेकिन 2014 में नयी सरकार आने के बाद से इस निति में बड़ा बदलाव आ चूका है| प्रधानमंत्री मोदी के चुनाव पूर्व भाषणों को अगर देखे तो उन्होंने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि प्रधानमंत्री बनाने के बाद उनकी पकिस्तान निति क्या रहने वाली है| विभिन्न मौको पर उन्होंने स्पष्ट किया है पकिस्तान के साथ शांति वार्ता तभी संभव है जब पकिस्तान अपने तरफ से शांति के लिए पहल करें, लेकिन अगर अगर पकिस्तान बन्दुक की भाषा में  बात करना चाहेगा तो उसको उसी की भाषा में उत्तर दिया जायेगा| 9 मई का जो विडियो जारी किया गया है वो इसी बदले निति का एक ट्रेलर है| 1 मई को पकिस्तान ने 2 जवानो के सर काटे थे उसके बदले में 10 बंकरों को तबाह करके कम से कम 20 पाकिस्तानी सैनिको को मार गिराया गया|